प्रकाश पुंज

29 Part

254 times read

27 Liked

रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी मेरे लिए वो मोहब्बत मानो जैसे प्रकाश पुंज थी ©® प्रेमयाद कुमार नवीन ...

Chapter

×